राष्ट्रीय विजेता की कृति |
इस बार डूडल के लिए विषय महिला विमर्श से जुड़ा था और बच्चों ने चाहे वो किसी भी वर्ग के हों इसमें पूरी सहभागिता निभायी है। एक बात जो अच्छी लगी कि बच्चों ने अपनी रचनात्मकता के साथ-साथ देश में महिलाओं के उत्थान और मदर टेरेसा से लेकर कल्पना चावला तक सभी को स्थान दिया है। इतना ही नहीं राष्ट्रीय विजेता के डूडल में आपको देश में महिलाओं की हर क्षेत्र में भागीदारी होने के अहसास के साथ-साथ उनके पारम्परिक माने जाने वाले काम मसलन लालन-पालन सभी के दर्शन होंगे। एक और बात जो देखने वाली थी कि कंही न कंही आज भी बच्चों के अंतर्मन में यह बात रखी जा रही है कि नारी शक्ति का रूप है। इसीलिए आप देखेंगे कि अधिकांश फाइनल में पहुंचे डूडल में झाँसी की रानी या दुर्गा स्वरुप की झलक मिलती है लेकिन अभी के हालात में यह कोरी आशा ही की जा सकती है कि जब ये बच्चे बड़े हों तो उनका यह विश्वास बना रहे कि नारी शक्ति का ही रूप है। वह अपने हिसाब से दुनिया में जी सकती है।
सभी बच्चों को बाल दिवस की शुभकामनायें और गूगल को भी इस प्रयास हेतु बधाई।
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