जी हाँ सवाल तो यही है कि क्या हमने गौर भी किया या नहीं? खैर जिन लोगों ने "एवेंजर्स : ऐज ऑफ़ अल्ट्रॉन" हिंदी में देखी होगी उन्हें शायद यह बात समझ आई होगी कि मैं किस बात की ओर इशारा करना चाहता हूँ।
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Avengers : Age Of Ultron (Poster) |
बात है इस फिल्म के हिंदी संस्करण में प्रयोग किये गए "हरियाणवी संवादों" की । अभी तक हमने अनुवादित फिल्मों में ऐसा प्रयोग सिर्फ दक्षिण भारत की फिल्मों के हिंदी रूपांतरण में ही देखा होगा, जहाँ खलनायक का चरित्र या तो भोजपुरी बोलता है या हरियाणवी। (खैर यह भी अपने आप में एक नस्लभेद ही है जहाँ क्षेत्रीय बोली बोलने वाले को खलनायक की तरह ही प्रस्तुत किया जाता है। )
लेकिन "एवेंजर्स : ऐज ऑफ़ अल्ट्रॉन" जैसी हॉलीवुड फिल्म में यह प्रयोग चौंकाने वाला है। "एवेंजर्स : ऐज ऑफ़ अल्ट्रॉन" हॉलीवुड की कोई चलताऊ फिल्म नहीं है बल्कि बजट और स्टारकास्ट के लिहाज से यह बहुत बड़ी फिल्म है। इस फिल्म का बजट अनुमानित तौर पर 280 मिलियन डॉलर के आस पास है। और जब इतनी बड़ी रकम को दांव पर लगाकर कोई बाजार में दस्तक देता है तो वह स्थापित नियमों से खेलने की हिम्मत नहीं जुटा पाता।
अब तक हॉलीवुड की जितनी भी फिल्मे हिंदी में रूपांतरित होकर आयीं हैं, उनमें बेहद संतुलित हिंदी में अनुवाद किया जाता है और क्षेत्रीय बोलियों को फिल्मों के अनुवाद से दूर ही रखा जाता है। लेकिन इतनी बड़ी फिल्म ने इसके अनुवाद में हरियाणवी जैसी बोली को दो प्रमुख पात्रों की आवाज दी है जिनमें से एक शायद अगली फिल्म में भी दिखाई दे। इस हिम्मत को जुटाने के लिए वे निश्चित रूप से बधाई के पात्र हैं। ( हो सकता है बिहार और पूर्वांचली क्षेत्रों में इन दोनों किरदारों ने भोजपुरी बोली हो, दिल्ली में तो यह हरियाणवी में ही बात करते हैं। )
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हरियाणवी भाई और बहना |
आप कल्पना भर करके देखिये कि "एवेंजर्स : ऐज ऑफ़ अल्ट्रॉन" का यह प्रयोग सफल नहीं होता, तो उसे कितना नुकसान उठाना पड़ता, क्योंकि भारत आज के समय में हर इम्पोर्टेड आइटम के लिए एक प्रमुख बाजार है। हमारी क्रय शक्ति बढ़ रही है जिससे हमारा उपभोग भी बढ़ रहा है। इसलिए यदि यह प्रयोग असफल होता तो एवेंजर्स के निर्माताओं को भारी नुकसान उठाना पड़ता। खैर अभी तक विश्वभर में यह फिल्म लगभग 800 मिलियन डॉलर का कारोबार कर चुकी है।
हॉलीवुड की फिल्मों में यह बदलाव इंगित करता है कि उसके लिए हिंदी का बाजार कितना मायने रखता है। गैर मातृभाषी फिल्म होने के बावजूद फिल्म को हिंदी पट्टी के लोगों से जोड़ने का प्रयास किया गया है।
अब हम उम्मीद कर सकते हैं कि देसी स्पाइडर मैन हमें यहाँ भारत में नहीं बनाना पड़ेगा बल्कि सीधा हॉलीवुड से ही बनकर आएगा। अब भई क्या इम्पोर्टेड फिल्में सिर्फ अंग्रेजी में ही देखी जाएंगी क्या ? बाजार का नियम तो साफ़ है पैसा दो सामान लो।